हमने भी मुआवजे की अर्जी

हमने भी मुआवजे की अर्जी डाली है साहब, उनकी यादों की बारिश ने काफ़ी नुकसान पहुँचाया है !!

एक ताबीर की सूरत

एक ताबीर की सूरत नज़र आई है इधर सो उठा लाया हूँ सब ख़्वाब पुराने वाले

हमीं अकेले नहीं जागते हैं

हमीं अकेले नहीं जागते हैं रातों में… उसे भी नींद बड़ी मुश्किलों से आती है..

सुना है तुम

सुना है तुम ज़िद्दी बहुत हो, मुझे भी अपनी जिद्द बना लो.

कौन कहता है

कौन कहता है कि आंसुओं में वज़न नहीं होता एक भी छलक जाए तो मन हल्का हो जाता है…

क्या लूटेगा जमाना

क्या लूटेगा जमाना खुशियों को मेरी.. मैं तो खुद अपनी खुशियाँ दूसरों पर लुटा कर जीता हूँ….

जब से वो मशहूर हो गये हैं

जब से वो मशहूर हो गये हैं, हमसे कुछ दूर हो गये हैं…

थोड़ी सी तकलीफ

थोड़ी सी तकलीफ थोड़ी सी तन्हाई रहती है हरदम.. हां…मैं उसकी यादों के बाजार में टहलता हूँ।

हो सके तो

हो सके तो, अब के कोई सौदा न करना मैं पिछली मोहब्बत में, सब हार आया हूँ…………

जो तालाबों पर

जो तालाबों पर चौकीदारी करते हैँ… वो समन्दरों पर राज नहीं कर सकते..!!!

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