इक मोहब्बत ही है जिसे हार जीत से , परे रखोगे तो जीत जाओगे ।
Category: याद शायरी
निंद ले गये हो तुम
इतने तो लम्हे भी नही बिताये मेने तेरे संग.. जितनी रातो की निंद ले गये हो तुम छिन के..
सुन सको तो सुनो
इक सदा जो बे-लफ्ज़ है… सुन सको तो सुनो ।
क़ैद ख़ानें हैं
क़ैद ख़ानें हैं , बिन सलाख़ों के…… कुछ यूँ चर्चें हैं , तुम्हारी आँखों के |
वो कहता है
वो कहता है की बता तेरा दर्द कैसे समझू, मैंने कहा की इश्क़ कर और कर के हार जा !!
क्या क्या हो रहा है
क्या क्या हो रहा है दुनिया में..!!! ख़ुदा करे कोई न समझे..!!!
शहर लौटने की फ़िक्र
शहर लौटने की फ़िक्र अब मेरे चेहरे पे जारी है.. चंद पैसों की नौकरी माँ की ममता पे भारी है…
चल तलाशते है
चल तलाशते है.. कोई तरीका ऐसा… मंद हवा भी बहे… और चिराग भी जले…
झुके थे तेरे आगे..
झुके थे तेरे आगे.. बिके नहीं थे.. जो इतना गुमान कर गयी..
मोहब्बत ठंड जैसी है
मोहब्बत ठंड जैसी है साहब लग जाये तो बीमार कर देती है।