हम नही मानते

हम नही मानते कागज़ पे लिखे सज्र-ओ-नसब, गुफ़्तगू बता देती है कौन खानदानी है..

तुम्हारी प्यारी सी नज़र

तुम्हारी प्यारी सी नज़र अगर इधर नहीं होती, नशे में चूर फ़िज़ा इस कदर नहीं होती, तुम्हारे आने तलक हम को होश रहता है, फिर उसके बाद हमें कुछ ख़बर नहीं होती..

तारीफ़ करने वाले

तारीफ़ करने वाले बेशक आपको पहचानते होंगे, मगर फ़िक्र करने वालो को आपको ही पहचानना होगा

बगैर आवाज़ के..

कितना भी सम्भाल के रख लो दिल को फिर भी, टूट ही जाता है और वो भी बगैर आवाज़ के..

एक युग था

एक युग था आँसूओं से मैल धो लेते थे सब… अब जरा सी बात पर खंज़र भी है, पत्थर भी है..

खूबसूरत सा रिश्ता

बड़ा खूबसूरत सा रिश्ता है तेरा और मेरा.. न तूने कभी बाँधा और न मैने कभी छोड़ा !!

जरुरी नहीं की

जरुरी नहीं की काम से ही इंसान थक जाए फ़िक्र…धोके.. फरेब भी थका देते है इंसान को… जिंदगी में मेरे दोस्त ..

परछाई बनने मे नही है..!!

जो आनंद अपनी छोटी पहचान बनाने मे है, वो किसी बड़े की परछाई बनने मे नही है..!!

कुछ लोग दिखावे की

कुछ लोग दिखावे की, फ़क़त शान रखते हैं, तलवार रखें या न रखें, म्यान रखते है!

तेरी चाहत तो

तेरी चाहत तो मुक़द्दर है, मिले न मिले… राहत ज़रूर मिल जाती है, तुझे अपना सोच कर…

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