दर्द छुपाना भी एक हुनर है, वरना नमक तो हर मुठी में है..!!
Category: मौसम शायरी
कभी यूँ भी हुआ है
कभी यूँ भी हुआ है हंसते-हंसते तोड़ दी हमने… हमें मालूम नहीं था जुड़ती नहीं टूटी हुई चीज़ें..!!
हमीं अकेले नहीं जागते हैं
हमीं अकेले नहीं जागते हैं रातों में… उसे भी नींद बड़ी मुश्किलों से आती है..
सुना है तुम
सुना है तुम ज़िद्दी बहुत हो, मुझे भी अपनी जिद्द बना लो.
कौन कहता है
कौन कहता है कि आंसुओं में वज़न नहीं होता एक भी छलक जाए तो मन हल्का हो जाता है…
क्या लूटेगा जमाना
क्या लूटेगा जमाना खुशियों को मेरी.. मैं तो खुद अपनी खुशियाँ दूसरों पर लुटा कर जीता हूँ….
जब से वो मशहूर हो गये हैं
जब से वो मशहूर हो गये हैं, हमसे कुछ दूर हो गये हैं…
थोड़ी सी तकलीफ
थोड़ी सी तकलीफ थोड़ी सी तन्हाई रहती है हरदम.. हां…मैं उसकी यादों के बाजार में टहलता हूँ।
हो सके तो
हो सके तो, अब के कोई सौदा न करना मैं पिछली मोहब्बत में, सब हार आया हूँ…………
ख्वाहिश भले छोटी सी
ख्वाहिश भले छोटी सी हो लेकिन…उसे पूरा करने के लिए दिल ज़िद्दी सा होना चाहिए..