जख्मों को छुआ है

अब इससे ज्यादा और क्या नरमी बरतूं दिल के जख्मों को छुआ है तेरे हसीं गालो की तरह|

तन्हाई क्या हैं

तन्हाई क्या हैं खुद ही समझ जाओगे किसी की याद मैं कभी आसूं बहाया करो

इश्तेहार दे दूँ

इश्तेहार दे दूँ कि ये दिल खाली है, वो जो आया था किरायेदार निकला!

सौ बार मरना चाहा

सौ बार मरना चाहा, निगाहों में डूब कर वो निगाह झुका लेते हैं, हमें मरने नहीं देते……

डूबकर देख एक पल मुझमें

डूबकर देख एक पल मुझमें, ढूँढ ले मुश्क़िलों के हल मुझमें….।।

जागा हुआ ज़मीर

जागा हुआ ज़मीर वो आईना है सोने से पहले रोज़ जिसे देखता हूँ मैं |

अपना मुक़द्दर ग़म से

अपना मुक़द्दर ग़म से बेग़ाना अगर होता तो फिर अपने-पराए हमसे पहचाने कहाँ जाते |

मैं अपनी ज़ात में

मैं अपनी ज़ात में नीलाम हो रहा हूँ ग़म-ए-हयात से कह दो ख़रीद लाये मुझे|

सदियों की सज़ा पाई

लम्हों मे खता की है सदियों की सज़ा पाई |

ये भी तो सज़ा है

ये भी तो सज़ा है कि गिरफ़्तार-ए-वफ़ा हूँ क्यूँ लोग मोहब्बत की सज़ा ढूँढ रहे हैं|

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