ज़िद्द मत किया करो

ज़िद्द मत किया करो मेरी दास्तान सुनने की.., मैं हँस कर कहूँगा तो भी तुम रोने लगोगे…!

खूबसूरत पलों की महक

कुछ खूबसूरत पलों की महक सी हैं तेरी यादें सुकून ये भी है कि ये कभी मुरझाती नही….

चाँदनी रातों में

चाँदनी रातों में कुछ भीगे ख्यालों की तरह, मैने चाहा है तुम्हें दिन के उजालों की तरह, गुजरे थे जो कुछ लम्हें तुम्हारे साथ, मेरी यादों में चमकते हैं वो सितारों की तरह

जो उसने रचा ली मेहँदी

क्या हुआ जो उसने रचा ली मेहँदी, हम भी अब सेहरा सजायेंगे, तो क्या हुआ अगर वो हमारे नसीब में नहीं, अब हम उसकी छोटी बहन पटायेंगे!

ज़ख़्म इतने गहरे है

ज़ख़्म इतने गहरे है हमको मालूम ना था हम खुदी पर वार करते रहे यह ख़याल ना था खुद ही लाश बन गये इस ख़याल से के जनाज़े पे वो मेरे आएँगे अब इस से ज़्यादा उनके दीदार का इंतिज़ार क्या करे|

कोई सवाल करेगा

कोई सवाल करेगा तो क्या कहूँगा उसे,, बिछड़ने वाले, सबब तो बता जुदाई का

यूँ सामने आकर

यूँ सामने आकर ना बैठा करो, सब्र तो सब्र है, हर बार नही होता!!!

क्या खबर थी

क्या खबर थी के चलेगी कभी ऐसी भी हवा… . . खुश्क पत्तों की तरह दोस्त बिखर जाएंगे…

आदमी सुनता है

आदमी सुनता है मन भर ,, सुनने के बाद प्रवचन देता है टन भर,,” और खुद ग्रहण नही करता कण भर।

शिकायतें कितनी है

ये न पूछ के शिकायतें कितनी है तुझसे ये बता के तेरा और कोई सितम बाकी तो नहीं …!!

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