इस हुनर से बच पाओ तो हुनर है, बडा आसान है शायरोँ मेँ शायर हो जाना…
Category: प्यार
वो दिल ही क्या
वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे मैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे रहेगा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर ये और बात मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई में ख़ुदा किसी से किसी को मगर जुदा न करे सुना है उसको मोहब्बत… Continue reading वो दिल ही क्या
अभी तक तो मोहब्बत है
अभी तक तो मोहब्बत है,इसीलिए फर्क पड़ता है, वक्त ने चाहा, तो तुमसे नफरत करना भी छोड़ दुंगा…!
बदन की क़ैद से बाहर
बदन की क़ैद से बाहर, ठिकाना चाहता है; अजीब दिल है, कहीं और जाना चाहता है!
बस एक दिन
वो कहते हैँ हम उनकी झूठी तारीफ करते हैँ… ए खुदा.. बस एक दिन.. आईने को जुबान दे दे..
खत्म न होने वाली तलाश
कभी खत्म न होने वाली तलाश लगती है ये जिंदगी मुझे सीता का बनवास लगती है|
चराग़ ही ने उजालों की
चराग़ ही ने उजालों की परवरिश की है चराग़ ही से उजाले सुबूत मांगते हैं हम अहले दिल से हमारी वतनपरस्ती का वतन को बेचने वाले सुबूत मांगते हैं…
जो देखता हूँ
जो देखता हूँ वो बोलने का आदि हूँ मैं इस शहर का सबसे बड़ा फसादी हूँ…
सुबह तक मैं सोचता हूँ
सुबह तक मैं सोचता हूँ शाम से जी रहा है कौन मेरे नाम से |
यूं खुले बाल लेकर
यूं खुले बाल लेकर छत पर तेरा रात को जाना चांदनी रातो में जेसे मैखाने खुले रख दिए हो|