कर्म भूमि पर

कर्म भूमि पर फल के किये श्रम सबको करना पड़ता है.. रब सिर्फ लकीरें देता है, रंग हमें खुद भरना पड़ता है !!

बहक जाने दे

बहक जाने दे, मुझे मुल्क की मोहब्बत में , यह वो नशा है, जो मेरे सिर से कभी उतरता नहीं …

तु ही है

तु ही है जिसे हर किस्सा बताते हैं…….. वरना हमारे लब्ज सुनने को तो दुनिया बेताब है|

तेरे इनकार की वजह

तेरे इनकार की वजह बता दे बस……..! कसम तेरी.. ज़िन्दगी लुटा दूँगा उसे सुधारने में..

हाथों की लकीरों से

अपने हाथों की लकीरों से ना निकल मुझे.! बड़ी शिद्दत से मैने तेरी इबादत की है.!!

बरबाद कर देती है

बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत करने वाले को क्यूकि इश्क़ हार नही मानता और दिल बात नही मानता..!!

तुम ही तुम दिखते हो

तुम ही तुम दिखते हो हमें कुछ हुआ तो जरूर है, ये आइनें की भूल है या मस्त निगाहों का कसूर है !!

इतने चेहरे थे

इतने चेहरे थे उसके चेहरे पर, आईना तंग आ के टूट गया|

मेरी आवारगी में

मेरी आवारगी में कुछ क़सूर अब तुम्हारा भी है, जब तुम्हारी याद आती है तो घर अच्छा नहीं लगता।

कागज पे तो

कागज पे तो अदालत चलती है, हमें तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर है..!!

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