मतलबी दुनिया के लोग खड़े है, हाथों में पत्थर लेकर……..!! मैं कहाँ तक भागूं, शीशे का मुकद्दर लेकर……..
Category: प्यार शायरी
फरक तो इतना सा है
तूझमे और मूझमे फरक तो इतना सा है, मै थोड़ासा पागल हूं, और मूझे पागल बनाया तूने है|
सौ दुशमन बनाए हमने
सौ दुशमन बनाए हमने, किसी ने कुछ ना कहा, एक को हमसफर क्या बनाया, सौ उँगलियाँ उठ गई !!!
बहुत तकलीफ़ होती है
तकलीफ़ की बात ना करो साहेब.. बहुत तकलीफ़ होती है..
अपनी भी मजबूरियां है
मेरी अपनी भी मजबूरियां है बहुत मैं समुन्दर हूँ पीने का पानी नही..
नींद आने लगी
शब के जागे हुए तारों को भी नींद आने लगी, आपके आने की इक आस थी अब जाने लगी..
अरे ये इश्क है
अरे ये इश्क है मेरी जान कोई गणित का सवाल नही जो समझा सकूं |
मैंने चाहा है
मैंने चाहा है तुझे आम से इंसाँ की तरह तू मेरा ख़्वाब नहीं है जो बिखर जाएगा |
जमाने में कभी भी
जमाने में कभी भी किस्मतें बदला नही करती!! उम्मीदों से भरोसों से दिलासों से सहारों से |
न पूछ देख के
न पूछ देख के कितना मलाल होता है जो ख़्वाब देखने वालों का हाल होता है|