तेरे मिलने का गुमान

तेरे मिलने का गुमान..तेरे न मिलने की खलिश, वक़्त गुज़रेगा तो ज़ख्म भी भर जायेंगे ।।

मारना ठीक नहीं

जरा सी फुर्सत निकाल के कत्ल ही कर डालो , यूँ इंतजार में तडपा तडपा के, मारना ठीक नहीं…..!!

कहीं कम न हो जाएँ

मेरे अपने कहीं कम न हो जाएँ ! इस डर से मुसीबत में किसी को आजमाता नहीं…..!!

फ़रियाद कर रही हैं

फ़रियाद कर रही हैं तरसी हुई निगाहें… देखे हुऐ किसी को जमाना हो गया…!!!

थोडा कम है…

यकीनन इश्क़ लाजवाब है… पर दोस्ती से थोडा कम है…

तुमने धड़कना सीखा दिया

दिल की नाजुक धड़कनोँ को मेरे सनम तुमने धड़कना सीखा दिया । जब से मिला है तेरा प्यार दिल को गम मेँ मुस्कुराना सीखा दिया ॥

मंज़िले तो कब से

मंज़िले तो कब से हाथ फैलाये खड़ी है,उन्हें बस तेरी रवानगी की जरुरत है, बस याद रखना है मेरे यार इतना ,ये वो राहें है, जिन्हें तेरी दीवानगी की जरुरत है|

एक अरसा हुआ कि

एक अरसा हुआ कि दिल खोला नहीं किसी के आगे..! इन कामकाज़ी शहरों में एक इश्तहार से हैं हम..!!

उसने मेरी महोब्बत का

उसने मेरी महोब्बत का, इस तरह तमाशा किया, कि हम मरते है उनके प्यार मे, और वो हसते रहे मेरी दीवानगी पर…

महसूस जब हुआ कि

महसूस जब हुआ कि सारा शहर, मुझसे जलने लगा है, तब समझ आ गया कि अपना नाम भी, चलने लगा है |

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