किसी शायर ने खूब कहा है, रहने दे आसमा, ज़मीन की तलाश कर, सब कुछ यही है, कही और न तलाश कर. हर आरज़ू पूरी हो, तो जीने का क्या मज़ा, जीने के लिए बस एक खूबसूरत वजह की तलाश कर, ना तुम दूर जाना ना हम दूर जायेंगे, अपने अपने हिस्से कि दोस्ती निभाएंगे,… Continue reading रहने दे आसमा
Category: दर्द शायरी
खुद को जो
खुद को जो सूरज बताता फिर रहा था रात को दिन में उस जुगनू का अब चेहरा धुआं होने को था
कौन कब किसका हुआ
वो हमारे हो गए ये क्या कम बात है खुद ग़रज़ दुनिया में वरना कौन कब किसका हुआ
फूल की खुशबू
फूल की खुशबू ही तय करती है उसकी कीमतें, क्या कभी तुमने सुना है, खार का सौदा हुआ
रिश्वतो के सिलसिले
चल रहे है जमाने में रिश्वतो के सिलसिले; तुम भी कुछ ले-दे कर, मुझसे मोहब्बत कर लो….
जिन्दगी को इतनी
जिन्दगी को इतनी सीरियस लेने की जरुरत नहीं यारो यहाँ से कोई जिन्दा बचकर नहीं जायेगा
मैंने ख़ामोशी को लफ्ज़ दिए
मैंने ख़ामोशी को लफ्ज़ दिए तुमने लफ़्ज़ों को भी खामोश कर दिया
जुदाई हो अगर
जुदाई हो अगर लम्बी तो अपने रूठ जाते हैं…. बहुत ज्यादा परखने से भी रिश्ते टूट जाते हैं…
Umeedon Ka Chiraagh
Wabasta Ho Gai Thi Kuch Umeedain Aap Say, Umeedon Ka Chiraagh Bhujaany Ka Shukriyaa….!
माना के प्यार
माना के प्यार ख़रीदा नहीं जाता दोस्तों, लेकिन उसकी कीमत जरुर चुकानी पड़ती है.