गुस्ताखी माफ हो गुस्ताखी ,
क्योंकि हम तुम्हे जिन्दगी कह नही पाते ,
हाँ मगर तुम वो अहसास हो आते ,
जैसे जिन्दगी
तुम्हारे साथ साथ ही हो ,
या जिन्दगी का तुम ही आभास हो !
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
गुस्ताखी माफ हो गुस्ताखी ,
क्योंकि हम तुम्हे जिन्दगी कह नही पाते ,
हाँ मगर तुम वो अहसास हो आते ,
जैसे जिन्दगी
तुम्हारे साथ साथ ही हो ,
या जिन्दगी का तुम ही आभास हो !