उन कसमो को भी तोड देना उन वादो को भी तोड दना जिन राहो पे थे |
हम चले उन राहो को भी छोड देना माफ करना खताए |
मेरी नई महफील सजाना तुम भुल जाना वफाये |
मेरी अपनी दूनीया बसाना तुम जनाजा मेरा उठने से पहले महन्दी ना लगाना तुम |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
उन कसमो को भी तोड देना उन वादो को भी तोड दना जिन राहो पे थे |
हम चले उन राहो को भी छोड देना माफ करना खताए |
मेरी नई महफील सजाना तुम भुल जाना वफाये |
मेरी अपनी दूनीया बसाना तुम जनाजा मेरा उठने से पहले महन्दी ना लगाना तुम |