मस्जिद की मीनारें बोली
मन्दिर के कंगूरों से,,
सम्भव हो तो देश बचा लो मज़हब के लंगूरों से।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मस्जिद की मीनारें बोली
मन्दिर के कंगूरों से,,
सम्भव हो तो देश बचा लो मज़हब के लंगूरों से।।