ना खुशी खरीद पाता हू ना ही गम बेच पाता हूँ
फिर भी मै ना जाने क्यु हर रोज कमाने जाता हूँ
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ना खुशी खरीद पाता हू ना ही गम बेच पाता हूँ
फिर भी मै ना जाने क्यु हर रोज कमाने जाता हूँ