फिर नींद से जाग कर आस-पास ढ़ूढ़ता हूँ तुम्हें…
क्यूँ ख्वाब मे इतने पास आ जाते हो तुम….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
फिर नींद से जाग कर आस-पास ढ़ूढ़ता हूँ तुम्हें…
क्यूँ ख्वाब मे इतने पास आ जाते हो तुम….