दुनियाँ की हर चीज़ ठोकर लगने से टूट
जाती है। एक “कामयाबी” ही है,
जो ठोकर खाकर ही मिलती है।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दुनियाँ की हर चीज़ ठोकर लगने से टूट
जाती है। एक “कामयाबी” ही है,
जो ठोकर खाकर ही मिलती है।