तू गलती से भी कन्धा न देना मेरे जनाजे
को ऐ दोस्त….
कहीं फिर जिन्दा न हो जाऊं तेरा सहारा देखकर.!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तू गलती से भी कन्धा न देना मेरे जनाजे
को ऐ दोस्त….
कहीं फिर जिन्दा न हो जाऊं तेरा सहारा देखकर.!