कहीं एक मासूम सा अरमान टूटा होगा
फिर मिट्टी का कच्चा मकान टूटा होगा
अमीरों के लिए बेशक तमाशा हो जलजला
गरीब के सर पे तो आसमान टूटा होगा
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कहीं एक मासूम सा अरमान टूटा होगा
फिर मिट्टी का कच्चा मकान टूटा होगा
अमीरों के लिए बेशक तमाशा हो जलजला
गरीब के सर पे तो आसमान टूटा होगा