जब से उस ने शहर को छोड़ा हर रस्ता सुनसान हुआ
अपना क्या है सारे शहर का इक जैसा नुक़सान हुआ
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जब से उस ने शहर को छोड़ा हर रस्ता सुनसान हुआ
अपना क्या है सारे शहर का इक जैसा नुक़सान हुआ