हँसी यूँ ही नहीं आई है इस ख़ामोश चेहरे पर…..
कई ज़ख्मों को सीने में दबाकर रख दिया हमने !
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हँसी यूँ ही नहीं आई है इस ख़ामोश चेहरे पर…..
कई ज़ख्मों को सीने में दबाकर रख दिया हमने !