मुझे अपने दिल की औकात तो नहीं मालूम मगर ,
जहां तुम समाये हो,वो दिल कोई आम नहीं होगा…!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मुझे अपने दिल की औकात तो नहीं मालूम मगर ,
जहां तुम समाये हो,वो दिल कोई आम नहीं होगा…!