मशहूर थे जो लोग समंदर के नाम से
आँखे मिला नहीं पाए मेरे खाली जाम से
ऐ दिल ये बारगाह मोहब्बत की है यहाँ
गुस्ताखियाँ भी हो तो बहुत एहतराम से
मुरझा चुके है अब मेरी आवाज़ के कँवल
मैंने सदाएं दी है तुझे हर मक़ाम से
कुछ कम नहीं है तेरे मोहल्ले की लड़कियां
आवाज़ दे रही है मुझे तेरे नाम से