मयख़ाने की इज्जत का सवाल था हुज़ूर
रात कल सामने से गुज़रे,तो हम भी थोड़ा लड़खड़ा के चल दिए..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मयख़ाने की इज्जत का सवाल था हुज़ूर
रात कल सामने से गुज़रे,तो हम भी थोड़ा लड़खड़ा के चल दिए..