पत्थर की प्रतिमा के स्वामी,
भोग-विलासी जीवन जीते।
पर प्रतिमा को गढ़ने वाले,
भूँखे-नंगे आँसू पीते।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
पत्थर की प्रतिमा के स्वामी,
भोग-विलासी जीवन जीते।
पर प्रतिमा को गढ़ने वाले,
भूँखे-नंगे आँसू पीते।।