जहान की खिलावट में जुलूल नहीं आएगा,
गम-ए-तोहीन से कुबूल नहीं आएगा,
मक्लूल की इबरात है, यह कुर्फा ग़ालिब,
तुम पागल हो जाओगे पर यह शेर समझ नहीं आएगा….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जहान की खिलावट में जुलूल नहीं आएगा,
गम-ए-तोहीन से कुबूल नहीं आएगा,
मक्लूल की इबरात है, यह कुर्फा ग़ालिब,
तुम पागल हो जाओगे पर यह शेर समझ नहीं आएगा….