कुछ भरोसा नहीं

रखा करो नजदीकियां, ज़िन्दगी का कुछ भरोसा नहीं. . . .
फिर मत कहना चले भी गए… और बताया भी नहीं. . .

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version