एक रविवार ही है जो रिश्तों को संभालता है
वरना बाकि
दिन तो किश्तों को सँभालने में लग जाते है !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
एक रविवार ही है जो रिश्तों को संभालता है
वरना बाकि
दिन तो किश्तों को सँभालने में लग जाते है !!