महन्दी ना लगाना तुम

उन कसमो को भी तोड देना उन वादो को भी तोड दना जिन राहो पे थे |

हम चले उन राहो को भी छोड देना माफ करना खताए |

मेरी नई महफील सजाना तुम भुल जाना वफाये |

मेरी अपनी दूनीया बसाना तुम जनाजा मेरा उठने से पहले महन्दी ना लगाना तुम |

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