कभी शाम होने के बाद

कभी शाम होने के बाद…..मेरे दिल में आकर देखना, खयालों की महफिल सजी होती है और जिक्र सिर्फ तुम्हारा होता है|

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version