रात कि तन्हाई में अकेले थे हम, दर्द कि महफ़िलो में रो रहे थे हम,
आप भले ही हमारे कुछ नहीं लगते,
फिर भी आपके बिना अधूरे लग रहे हे हम.
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
रात कि तन्हाई में अकेले थे हम, दर्द कि महफ़िलो में रो रहे थे हम,
आप भले ही हमारे कुछ नहीं लगते,
फिर भी आपके बिना अधूरे लग रहे हे हम.