अर्ज़ किया हैं…
बड़ा इतराते फिरते थे वह अपनें हुस्न-ए-रुखसार पर
मायूस बैठे हैं जबसे देखी हैं अपनी तस्वीर आधार कार्ड पर
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अर्ज़ किया हैं…
बड़ा इतराते फिरते थे वह अपनें हुस्न-ए-रुखसार पर
मायूस बैठे हैं जबसे देखी हैं अपनी तस्वीर आधार कार्ड पर