मुसीबतों से निखरती हैं शख्सियतें यारों…….
जो चट्टानों से न उलझे वो झरना किस काम का…….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मुसीबतों से निखरती हैं शख्सियतें यारों…….
जो चट्टानों से न उलझे वो झरना किस काम का…….