किसकी पनाह में

किसकी पनाह में तुझको गुज़ारे” ऐ जिंदगी “,
अब तो रास्तों ने भी कह दिया है ,कि घर क्यों नहीं जाते..

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version