यूँही भुला देते हो हद करते हो, इंसान हु तुम्हारी किताबों का सबक़ तो नहीं..
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मत पूछो कि मै अल्फाज
मत पूछो कि मै अल्फाज कहाँ से लाता हूँ ये उसकी यादो का खजाना है बस लुटाऐ जा रहा हूँ..
चाहत में बहुत फ़र्क है
जरूरत और चाहत में बहुत फ़र्क है… कमबख्त़ इसमे तालमेल बिठाते बिठाते ज़िन्दगी गुज़र जाती है
मेरा दुख बाँटने
कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने, मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये…
घूरती आपकी निगाहें
आज का ज्ञान – किसी महिला को घूरती आपकी निगाहें…. आपके चरित्र का चीर हरण है..
सनम तेरी बातें
नेताओ के वादे और सनम तेरी बातें, दोनों ही दिल और जेब पर सीधी मार करती हैं।
आखिर कब समझोगे
आखिर कब समझोगे तुम मुहब्बत को! अरे इसमें दग़ा नही, वफ़ा की जाती है!!
वो दिल से
एक खेल रत्न उसको भी दे दो बड़ा अच्छा खेलती है वो दिल से
इश्क़ बनाने वाले
ये इश्क़ बनाने वाले की मैं तारीफ करता हूँ… मौत भी हो जाती है और क़ातिल भी पकड़ा नही जाता
ज़रूरी नहीं कि
ज़रूरी नहीं कि हर समय लबों पर खुदा का नाम आये; वो लम्हा भी इबादत का होता है जब इंसान किसी के काम आये।