जब जब तेरी

जब जब तेरी जरूरत होती है.. ! ..उदासी खूबसूरत होती है.. !!

नदिया का पानी

नदिया का पानी भी खामोश बहता यहाँ खिली चांदनी में छिपी लाख खामोशियाँ बारिश की बूंदों की होती कहाँ है जुबां सुलगते दिलों में है खामोश उठता धुंआ

हम तो अंधेरे में

हम तो अंधेरे में सोने के आदी थे, और वो बेवफ़ा मेरी कब्र पे दिये जलाने आ गए…!

तेरा जाना हुआ

क्या उस गली में कभी तेरा जाना हुआ जहां से ज़माने को गुज़रे ज़माना हुआ मेरा समय तो वहीँ पे है ठहरा हुआ बताऊँ तुम्हे क्या मेरे साथ क्या क्या हुआ

होने की गवाही

होने की गवाही के लिए ख़ाक बहोत है। या कुछ भी नहीं होने का इरादा बहोत है।

बिछड़ जाते हैं

यादें क्यों नहीं बिछड़ जाती…. लोग तो पल में बिछड़ जाते हैं.!!

दवा कैसी है

अब दवा कैसी है दुआ का वक़्त तेरे बीमार में रहा क्या है

ऐ दिल वो

ऐ दिल वो आशिक़ी के फ़साने किधर गए वो उम्र क्या हुई वो ज़माने किधर गए

इश्क हुआ और मेरा खुदा

नजर…नमाज…नजरिया सब कुछ बदल गया… एक रोज इश्क हुआ और मेरा खुदा बदल गया…!

मुझ को है

मुझ को है एतराफ दुआओं में है असर जाएँ न अर्श पर जो दुआएं तो क्या करे

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