ये जो ज़िन्दगी की किताब है ये किताब भी क्या किताब है कभी इक हसीं सा ख्वाब है कभी जानलेवा अज़ाब है।
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ऐ ग़ालिब तू शोर न कर….
ऐ ग़ालिब तू शोर न कर…. रजामंद तुझे भी किया जायेगा…. फरमाईस बता तेरी क्या है पैमाने-जाम तुझे भी दिया जायेगा……..
ईश्वर जिन्हे खून के रिश्ते में
ईश्वर जिन्हे खून के रिश्ते में बाँधना भूलजाता है उन्हें दोस्त बना देता है ……..
जिंदगी पर बस
जिंदगी पर बस इतना ही लिख पाया हूँ मैं… बहुत मजबूत रिश्ते थे मेरे,,, पर बहुत कमजोर लोगों से…
कहीं धब्बा न लग जाये
कहीं धब्बा न लग जाये तेरी बंदानवाजी पर, मुझे भी देख मुद्दत से तेरी महफिल में रहते है।
हज़ार दर्द हों सीने में
हज़ार दर्द हों सीने में फिर भी हँस देना सभी के बस का ये कमाल थोड़ी है
दामन की सिलवटो पे
दामन की सिलवटो पे बड़ा नाज़ है हमें घर से निकल रहे थे कि बच्चा लिपट गया
फ़रार हो गई होती
फ़रार हो गई होती कभी की रूह मिरी बस एक जिस्म का एहसान रोक लेता है|
हवा के हौसले
हवा के हौसले ज़ंजीर करना चाहता है वो मेरी ख़्वाहिशें तस्वीर करना चाहता है
हँसकर कबूल क्या करलीं
हँसकर कबूल क्या करलीं, सजाएँ मैंने……. ज़माने ने दस्तूर ही बना लिया, हर इलज़ाम मुझ पर लगाने का……