सुना है इस खेल में

सुना है इस खेल में सबके सर जाते हैं, इश्क में इतना ख़तरा है तो हम घर जाते हैं…

आखों की ख्वाहिशों को

आखों की ख्वाहिशों को हर वक़्त दरकिनार किया, ये सोचकर कि खुदा देखा नहीं पूजा जाता है।

मेरी ज़िन्दगी में

मेरी ज़िन्दगी में तेरी याद भी उसी तरह है, जैसे सर्दी की चाय में अदरक का स्वाद|

एक नींद है

एक नींद है जो लोगों को रात भर नहीं आती, और एक जमीर है जो हर वक़्त सोया रहता है।

इस खामख्याली में

इस खामख्याली में, मगरूर वो रहते हैं… सब हुनर उन्हीं के हैं, हर ऐब हमारा है….

परिंदे भी नहीं रहते

परिंदे भी नहीं रहते पराये आशियानों में, हमने जिंदगी गुजारी है किराये के मकानों में

तू मोहब्बत से

तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल हार जाने का हौसला है मुझे…!!!

सबकुछ निभा गया

वो तो मैं था कि पागल सबकुछ निभा गया, ज़िंदगी भर वर्ना मुह्ब्बत कौन करता है..

दिल अच्छे होते हैं

जिनके दिल अच्छे होते हैं दिमाग वाले उनका अच्छा फायदा उठाते हैं…

एक तो वैसे ही …..

एक तो वैसे ही ….. तुम्हे भुलाना मुश्किल है और रोज़ मम्मी……. बादाम खिला देती है.

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