सौदेबाजी का हुनर

सौदेबाजी का हुनर कोई उनसे सीखे, गालों का तिल दिखाकर सीने का दिल ले गये !

तुम निकले ही थे

तुम निकले ही थे बन-सँवर कर मैं मरता नहीं तो क्या करता…

बस आखरी बार

बस आखरी बार इस तरह मिल जाना, मुझ को रख लेना या मुझ में रह जाना !!

आईना हूं तेरा

आईना हूं तेरा, क्यूं इतना कतरा रहे हो.. सच ही कहूंगा, क्यूं इतना घबरा रहे हो..

जिम्मेदारिया जब कंधो पर

जिम्मेदारिया जब कंधो पर पडती है, तो अक्सर बचपन याद आता है..

ये खामोश मिजाजी

ये खामोश मिजाजी तुम्हे जीने नहीं देगी, इस दौर में जीना है तो कोहराम मचा दो।

महंगाई का आलम

महंगाई का आलम ना पूछो दोस्तों घर क्या ले जाना है, जानबूझ के भूल जाता हूँ!!

हम मोहब्बत में

हम मोहब्बत में दरख्तों की तरह हैं… जहाँ लग जायें वहीं मुद्दतों खड़े रहते हैं…!!

स्कूल खत्म हुए तो

स्कूल खत्म हुए तो रस्ते अलग हुए फिर उसके बाद कभी हम मिले नहीं..!

वो जग़ह मुझे

वो जग़ह मुझे अब भी अज़ीज़ है.. जहाँ मुझे उजाड़ कर बस गए हैं लोग कई..

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