गलत फहमी का एक पल

गलत फहमी का एक पल इतना जहरीला होता है…. जो प्यार भरे सौ लम्हों को……एक पल में भुला देता है……

बिना आहट के इन आँखो से

बिना आहट के इन आँखो से दिल में उतरते हो तुम वाह..! क्या लाजबाब इश्क करते हो तुम..

पूछा हाल शहर का

पूछा हाल शहर का तो, सर झुका के बोलें, लोग तो जिंदा हैं, जमीरों का पता नहीं ..

जवानी में जिंदगी

जवानी में जिंदगी के रिवाज बदल जाते हैं, उम्र बदलने के साथ अंदाज बदल जाते हैं,, खुशनुमा आलम हो और हुस्न हो अगर साथ, तो अच्छे अच्छों के हुजूर मिजाज बदल जाते हैं|

उसे बस तब याद आता हूँ

उसे बस तब याद आता हूँ मैं, जब कोई दूसरा उसके पास नहीं होता !!

आज न जाने राज़ ये क्या

आज न जाने राज़ ये क्या है हिज्र की रात और इतनी रौशन

किस्मत में रातों की

किस्मत में रातों की नींद नहीं तो क्या हुआ, जब मौत आएगी तो जी भर के सो लेंगे

शब के साथ

शब के साथ गहरे होते जाते है…तेरे ख्याल भी… इंतिजार-ए-सहर तो नही…पर उस वक़्त…. हर ख्याल तेरा….बेशकीमती होता है।

ये शरारत भरा

ये शरारत भरा लहजा तो आदत है मेरी . . . तू हर बात पे यूँ आँखे लाल ना किया कर . . . ।

अगर दिल भर गया

अगर दिल भर गया हो तो मना करने में कैसा डर, प्यार में बेवफाओं पर मुकदमा थोड़े होता है …

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