ज़हर लगते हो तुम मुझे जी करता है खा कर मर जाऊँ!
Tag: Pyari Shayari
सन्नाटा छा गया
सन्नाटा छा गया बँटवारे के किस्से में, जब माँ ने पूँछा- मैं हूँ किसके हिस्से में
मैं पेड़ हूं
मैं पेड़ हूं हर रोज़ गिरते हैं पत्ते मेरे ,फिर भी हवाओं से,, बदलते नहीं रिश्ते मेरे
वो भी ना भूल पाई
वो भी ना भूल पाई होगी मुझे… क्योंकि बुरा वक्त सबको याद रहता हैं।
जहाँ आपको लगे कि
जहाँ आपको लगे कि आपकी जरूरत नही है.. वहां ख़ामोशी से खुद को अलग कर लेना चाहिए!!
हर शख्स की
हर शख्स की अपनी कुछ मजबूरियाँ हैं, कुछ समझ पाते हैं और कुछ रूठ जाते हैं।
मुझसे मिलने को
मुझसे मिलने को आप आये हैं ? बैठिये, मैं बुला के लाता हूँ |
मैं अपनी ताकते
मैं अपनी ताकते इन्साफ खो चुका वर्ना तुम्हारे हाथ मै मेरा फैसला नही होता..
बहुत शौक है
बहुत शौक है न तुझे ‘बहस’ का आ बैठ… ‘बता मुहब्बत क्या है’..!!
तुम्हे गुरुर ना हो जाये
तुम्हे गुरुर ना हो जाये हमे बर्बाद करने का इसीलिए सोचा हमने महफ़िल में मुस्कुराने का..