: तू कितनी रंगीन क्युं न हो ए जिन्दगी… काले पीले दोस्तों के बगैर अच्छी नहीं लगती ….
Tag: Pyari Shayari
तुझसे अच्छे तो जख्म हैं
तुझसे अच्छे तो जख्म हैं मेरे उतनी ही तकलीफ देते हैं जितनी बर्दास्त कर सकूँ
कभी तो मेरी ख़ामोशी का
कभी तो मेरी ख़ामोशी का मतलब खुद समझ लो….! कब तक वजह पूछोगे अंजानो की
मेरे वजूद को
मेरे वजूद को दामन से झाड़ने वाले नासमझ, जो तेरी आखिरी मंजिल है वो ही मिट्टी हूँ मैं…
जिंदगी अब नहीं संवरेगी
जिंदगी अब नहीं संवरेगी शायद..तजुर्बेकार था.. उजाड़ने वाला…
अब मज़ा आने लगा है
अब मज़ा आने लगा है तीरों को देखकर । दुआ है तेरे तरकश में तीर कभी कम न हों ।
मैं दाने डालता हूँ
मैं दाने डालता हूँ ख्यालों के…… लफ्ज़ कबूतर से चले आते हैं….
पेड़ भूडा ही सही
पेड़ भूडा ही सही घर मे लगा रहने दो, फल ना सही छाँव तो देगा
मैं एक ताज़ा कहानी
मैं एक ताज़ा कहानी लिख रहा हूँ,मगर यादें पुरानी लिख रहा हूँ …
एक पहचानें कदमों की
एक पहचानें कदमों की आहट फिर से लौट रही है, उलझन में हूँ जिंदगी मुस्कराती हुई क्यूँ रूबरू हो रही है…