मोहब्बत ठंड जैसी है साहब।।।। लग जाये तो बीमार कर देती है।।
Tag: Pyari Shayari
काश वो आकर कहे
काश वो आकर कहे, एक दिन मोहब्बत से……!! ये बेसब्री कैसी ? तेरी हूँ, तसल्ली रख…!!
ये बात और है
ये बात और है के तक़दीर लिपट के रोई वरना ! बाज़ू तो हमनें तुम्हे देख कर ही फैलाए थे !!
उससे छुपायीं थी …
कुछ बाते उससे छुपायीं थी … और कुछ कागज़ों को बतायीं थी …
मेरे लफ़्ज़ों को
मेरे लफ़्ज़ों को अब भी नशा है तुम्हारा … निकल कर ज़हन से, कागज़ों पर गिर पड़ते हैं …
आज आशिक़ों की महफ़िल
आज आशिक़ों की महफ़िल एक साथ बैठी है..!! पता नई कितनो का दिल तोड़ेगी…
मुझे ऐसा मरना है
मुझे ऐसा मरना है जैसे, लिखते लिखते स्याही खत्म हो जाये…
ना लफ़्ज़ों का
ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता है ना किताबें बोल पाती हैं, मेरे दर्द के दो ही गवाह थे और दोनों ही बेजुबां निकले…
किताब-ए-इश्क
किताब-ए-इश्क से इस मसले का हल पुछो…….!! जब कोई अपना रूठ जाये तो क्या करें…….??
अब जुदाई के सफ़र को
अब जुदाई के सफ़र को मेंरे आसान करो….. तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो ….