सुकून गिरवी है

सुकून गिरवी है उनके पास, जिनसे मोहब्बत उधार ली थी…

जागना भी कुबूल है

जागना भी कुबूल है तेरी यादों में रातभर, तेरे अहेसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ !!

एक वक़्त था

एक वक़्त था के वक़्त ही वक़्त था अब वक़्त है वक़्त ही नहीं मिलता|

पता है तुम्हारी

पता है तुम्हारी और मेरी, मुस्कान मे क्या फर्क है , तुम खुस होकर मुस्कुराते हो, हम तुम्हे खुस देखकर मुस्कुराते है..

क्या सुनाऊ अपनी

क्या सुनाऊ अपनी जिंदगी की कहानी दोस्तों समुन्दर पर राज किया फिर भी जिंदगी भर प्यासा ही रहा

यादो की बात

यादो की बात ना करो ये वो लम्हे होते है,के हस्ते हुवे इंसान को आंसू दे जाते हैं|

आँख खुलते ही

आँख खुलते ही याद आ जाता है तेरा चेहरा, दिन की ये पहली ख़ुशी भी कमाल होती है।

मरीज़-ए-इश्क़

मरीज़-ए-इश्क़ हूँ तेरा, तेरा दीदार काफी है…. हर एक नुस्खे से बेहतर, निगाह-ए-यार काफी है !

फ़िक्र करते हो

फ़िक्र करते हो मेरी यही काफी है…| ज़िक्र करने को तो ये दुनिया बहुत है….||

लगता है कि

लगता है कि इन में कोई नाज़ुक सा है रिश्ता…. जब चोट लगे दिल पे तो भर आती हैं आँखें….

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