जिंदगी की हकीकत

जिंदगी की हकीकत को बस इतना जाना है…. रोना है अकेले ही, और हंसने में जमाना है…!

शक़ गया होगा

तुम्हारा सिर्फ़ हवाओं पे शक़ गया होगा, चिराग़ ख़ुद भी तो जल-जल के थक गया होगा”..

खुद मुझे लिखा है

“माँ ” के लिए क्या लिखू ? “माँ ” ने खुद मुझे लिखा है ..

गरीबों का प्यार

प्यार-व्यार के चक्कर में पड़ने से पहले पैसे कमा लेना, गरीबों का प्यार अक्सर चौराहे पर नीलाम हो जाता है …!!!

फ़ासले इस कदर हैं

फ़ासले इस कदर हैं रिश्तों में, घर ख़रीदा हो जैसे क़िश्तों में

जरूरत भर खुदा

जरूरत भर खुदा सबको देता है। परेशां है लोग इस वास्ते कि, बेपनाह मिले।

यादों की संदूक

तेरी यादों की संदूक में ….. मैं दबा पड़ा हूँ किसी पुराने खत की तरह !!

इन धुंधली यादो

मेरी इन धुंधली यादो …. इन बिखरे आँसूओ मैं ही सही … पर तुम आज भी मौजूद हो मुझमे …..

जिसको तलब हो

जिसको तलब हो हमारी,वो लगा ले बोली.. सौदा बुरा नही बस “हालात” अच्छे नही है.. !!

अगर उसे समझना है

हर “इंसान” अपनी “जुबां” के “पीछे” “छुपा” हुआ है अगर उसे “समझना” है तो उसे “बोलने” दो!

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