वो कहता है

वो कहता है की बता तेरा दर्द कैसे समझू, मैंने कहा की इश्क़ कर और कर के हार जा !!

चल तलाशते है..

चल तलाशते है.. कोई तरीका ऐसा… मंद हवा भी बहे… और चिराग भी जले…

मोहब्बत ठंड जैसी है

मोहब्बत ठंड जैसी है साहब।।।। लग जाये तो बीमार कर देती है।।

काश वो आकर कहे

काश वो आकर कहे, एक दिन मोहब्बत से……!! ये बेसब्री कैसी ? तेरी हूँ, तसल्ली रख…!!

ये बात और है

ये बात और है के तक़दीर लिपट के रोई वरना ! बाज़ू तो हमनें तुम्हे देख कर ही फैलाए थे !!

उससे छुपायीं थी …

कुछ बाते उससे छुपायीं थी … और कुछ कागज़ों को बतायीं थी …

मेरे लफ़्ज़ों को

मेरे लफ़्ज़ों को अब भी नशा है तुम्हारा … निकल कर ज़हन से, कागज़ों पर गिर पड़ते हैं …

आज आशिक़ों की महफ़िल

आज आशिक़ों की महफ़िल एक साथ बैठी है..!! पता नई कितनो का दिल तोड़ेगी…

मुझे ऐसा मरना है

मुझे ऐसा मरना है जैसे, लिखते लिखते स्याही खत्म हो जाये…

ना लफ़्ज़ों का

ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता है ना किताबें बोल पाती हैं, मेरे दर्द के दो ही गवाह थे और दोनों ही बेजुबां निकले…

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