हर इक ग़म को

हर इक ग़म को दिया करती हैं अब गिन-गिन के मोती ये आँखें दिन-ब-दिन कंजूस होती जा रही हैं।।।।

मुझे समझाया न करो

मुझे समझाया न करो अब तो हो चुकी, मोहब्बत मशवरा होती तो तुमसे पूछकर करते |

कुछ अधूरे एहसासों ने

कुछ अधूरे एहसासों ने ही तो थामा है हर पल, चाँद तो पूरा होके भी रात का न हुआ……

हर मर्ज़ का इलाज

हर मर्ज़ का इलाज नहीं दवाखाने में… कुछ दर्द चले जाते है सिर्फ मुस्कुराने में…!!!

मौत बेवज़ह बदनाम है

मौत बेवज़ह बदनाम है साहब, जां तो ज़िंदगी लिया करती है|

दिल को इसी फ़रेब में

दिल को इसी फ़रेब में रखा है उम्रभर इस इम्तिहां के बाद कोई इम्तिहां नहीं|

गुजर जाऊंगा यूँ ही

गुजर जाऊंगा यूँ ही किसी लम्हे की तरह, और तुम….. औरो में ही उलझे रहना..!!

उसने भी तो खोया है

उसने भी तो खोया है मुझे . . . . अपना नुकसान एक जैसा है . . . .

मै भी खुद से खुश नहीं हूँ !

तुम्हारी नाराजगी बहुत वाजिब है… मै भी खुद से खुश नहीं हूँ !

मुस्कुराकर आदाब करते हो

मुस्कुराकर आदाब करते हो . . . . आदतेँ क्यूँ खराब करते हो . . .

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