कभी कभी मीलों दूर

कभी कभी मीलों दूर बैठा इंसान आपको जीने का सहारा दे सकता है और वो नहीं जो आपके करीब है।

अपना समझते हो

अपना समझते हो तो बुरा क्यों नहीं कहते हर वक्त की तारीफ बनावट सी लगे है

हर चीज़ वक़्त के साथ

हर चीज़ वक़्त के साथ बदलती है, बस अगर हम वक़्त के साथ चले तो…!!

तू चाँद का टुकड़ा नहीं

तू चाँद का टुकड़ा नहीं, चाँद तेरा टुकड़ा है । टूटते तारे नहीं, फ़िदा होते सितारे देख तेरा मुखड़ा है । ख़ूबसूरती देख तेरी अप्सरा का दिल जलन से उखड़ा है दुनिया में तेरे वजूद से, स्वर्ग भी लगता उजड़ा है ।

हो सकता है

हो सकता है की मैं तेरी खुशियाँ बाँटने ना आ सकू, गम आये तो खबर कर देना वादा है की सारे ले जाऊँगा…

मुझे मालूम है

मुझे मालूम है उड़ती पतंगों की रवायत.. गले मिलकर गला काटूँ मैं वो मांझा नहीं..

कैसे जिंदा रहेगी

कैसे जिंदा रहेगी तहज़ीब सोचिये ! , पाठशाला से ज्यादा तो मधुशाला हैं इस शहर मे….

नहीं ज़रूरत मुझे

नहीं ज़रूरत मुझे तुम्हारी अब, ख्यालात तुम्हारे काफ़ी है….. तुम क्या जानो इस मस्ती को, अहसास तुम्हारे काफ़ी है……

पूरी दुनिया खोज लो

पूरी दुनिया खोज लो हमसे बड़ा न वीर हमने खुद ही डाल लीं पांवों में जंजीर

इक तमन्ना के लिए

इक तमन्ना के लिए फिरती है सहरा सहरा……!! ज़िंदगी रोज़ कोई ख़्वाब नया लिखती है…!!

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