इज़हार-ए-याद करुँ

इज़हार-ए-याद करुँ या पूछूँ हाल-ए-दिल उनका, ऐ दिल कुछ तो बहाना बता उनसे बात करने का

तुझसे बिछडकर ना देखा

तुझसे बिछडकर ना देखा गया मिलाप किसी का, तट पर बैठे सभी परिंदें उडा़ दिए हमने।

दिल❤बेजुबान है

दिल ❤ बेजुबान है तो क्या …..? तुम यूँ ही तोड़ते ? रहोगे ……?

दोनों आखों मे अश्क

दोनों आखों मे अश्क दिया करते हैं हम अपनी नींद तेरे नाम किया करते है जब भी पलक झपके तुम्हारी समझ लेना हम तुम्हे याद किया करते हैं

तन्हाई लिखते समय

तन्हाई’ लिखते समय तुम मेरे सबसे पास थी

देना हो साथ तो

देना हो साथ तो जिंदगी भर का देना ऐ दोस्त लम्हों का साथ तो जनाजा उठाने वाले भी दिया करते है।

ना जिकर करो मेरी

ना जिकर करो मेरी अदा के बारे मे, हम भी जानते है सब कुछ वफा के बारे मे, सुना है वो भी मोहब्बत का शौक रखते है, जिन्हे खबर ही नही कुछ वफा के बारे मे …

बिन देखे तेरी तस्‍वीर

बिन देखे तेरी तस्‍वीर बना सकते हैं बिन मिले तेरा हाल बना सकते है हमारे प्‍यार में इतना दम है की तेरे आसूं अपनी ऑख से गिर सकते हैं

कुछ अलग सा है

कुछ अलग सा है अपनी मौहबत का हाल… तेरी चुपी और मेरा सवाल ….!!!!

ना ऑंखें बोल पाती हैं

ना ऑंखें बोल पाती हैं, ना लफ़्ज़ों का लहू निकले है, मेरे दर्द के दो ही गवाह थे और दोनों ही बेजुबां निकले..!!

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