दिल की डायरी में

जवाब तेरी शायरी का देंगे हम शायरी में .. . नाम तेरा लिख बैठे हैं अपने दिल की डायरी में

आँसूओं की तरह..

वापसी का तो कोई सवाल ही नहीं साहब .. . ,घर से निकले हैं हम आँसूओं की तरह..

तू एक बार वापस

मजबूर ना करेंगे तुझे, वादे निभाने के लिए…. . तू एक बार वापस आ,अपनी यादें ले जाने के लिए….!

इस इंतज़ार में हूँ

ज़िंदगी ये चाहती है कि…… ..ख़ुदकुशी कर लूँ …. मैं इस इंतज़ार में हूँ कि… कोई हादसा हो जाये

किसे आवाज़ दें

शबे -ग़म क्या करें कैसे गुज़ारें किसे आवाज़ दें, किसको पुकारें

भटक गया था

मेरा खुदा एक ही है…. जिसकी बंदगी से मुझे सकून मिला भटक गया था मै…. जो हर चौखट पर सर झुकाने लगा..

रूठना भी बर्दाश्त नहीं

दोहरी हुकूमत जताना कोई तुमसे सीखे, खुद तो बात करेंगे नहीं……. उस पर मेरा रूठना भी बर्दाश्त नहीं ।।

आरजु पुरी होगी

जरा शिद्दत से चाहो तभी आरजु पुरी होगी, हम वो नहीँ जो तुम्हेँ ख़ेरात मेँ मिल जाए..

मैं ज़माने में

तेरी चाहत ने अगर मुझको न मारा होता, मैं ज़माने में किसी से भी न हारा होता….

तुम उदास तो नही

दिल बेचैन बहुत है आज !!! कहीं तुम उदास तो नही

Exit mobile version